भागम भाग की इस वैश्विक दुनिया में खादर संस्कृति की जीवंत अनुभूति.. हम अभी जिन्दा हैं , जिन्दा है हमारे संस्कार, हमारी परम्पराएँ .. कुंवर सत्यम.