भागम भाग की इस वैश्विक दुनिया में
खादर संस्कृति की जीवंत अनुभूति..
हम अभी जिन्दा हैं ,
जिन्दा है हमारे संस्कार,
हमारी परम्पराएँ ..
कुंवर सत्यम.
Friday, March 14, 2008
चालों साथ चलें.
मेरा मानना है की अगर हमें कुछ बड़ा करना है तो हमे सारे मतभेद भुलाकर साथ साथ चलना होगा। यदि हम चाहतें हैं की इन्द्रप्रस्थ राज्य का सपना साकार हो तो सभी को साथ चलना होगा..
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